Carnal sufia qureshi
Carnal sufia qureshi :-
सोफिया कुरैशी एक प्रसिद्ध भारतीय सैन्य अधिकारी हैं जिन्होंने अपने करियर में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। यहाँ कुछ विस्तृत जानकारी है:
सोफिया का जीवन और शिक्षा:-
सोफिया कुरैशी का जन्म 1976 में गुजरात के वडोदरा में हुआ था।
उनके पिता ताज मोहम्मद कुरैशी एक सैन्य अधिकारी थे, और उनके दादा भी भारतीय सेना में सेवा दे चुके हैं। सोफिया ने अपनी स्कूली शिक्षा वडोदरा में पूरी की और बाद में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
सैन्य करियर:-
सोफिया कुरैशी ने 2003 में भारतीय सेना में शामिल हुईं और उन्हें कोर ऑफ सिग्नल्स में नियुक्त किया गया। उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण मिशनों में भाग लिया है, जिनमें ऑपरेशन पैराक्रम और संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन शामिल हैं।
सोफिया कुरैशी ने अपने करियर में कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए हैं, जिनमें सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल शामिल हैं।
सोफिया का व्यक्तिगत जीवन:-
सोफिया कुरैशी का विवाह मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुआ है, जो सेना की मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री में कार्यरत हैं। उनके दो बच्चे हैं, एक बेटा और एक बेटी।
सोफिया कुरैशी एक प्रेरणादायक व्यक्ति हैं
जिन्होंने भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
ऐसी ही भारतीय महिलाओ को देखकर गर्व महसूस होता है ।
उनकी कहानी न केवल उनके साहस और समर्पण को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि महिलाएं सैन्य सेवा में भी उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं।
Carnal Sophia Qureshi:
भारतीय सशस्त्र बल ने पहलगाम में 15 दिन पहले हुए आतंकी हमले के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बीती रात पाकिस्तान के कब्जे वाले आतंकी ठिकानों पर हमला कर दिया। भारतीय सेना के इस मिशन का नाम ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) है। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए सशस्त्र बलों ने नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया।
सेना की इस कार्रवाई की जानकारी देने के लिए विदेश सचिव विक्रम मिस्री, शीर्ष सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने मीडिया से बात की। इस दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी ने ऑपरेशन सिंदू को पहलगाम हमले के पीड़ितों के लिए न्याय बनाया। लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना के सिग्नल कोर की अधिकारी हैं, जिन्होंने साल 2006 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में भी काम किया है। यहां उन्होंने युद्ध विराम की निगरानी की और मानवीय मिशनों में सहायता की। गुजरात से आने वाली लेफ्टिनेंट कर्नल कुरैशी के पास बायोकेमिस्ट्री में स्नातकोत्तर की डिग्री है।
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?
लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व किया।
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शुरुआती जीवन और शिक्षा
सोफिया कुरैशी का जन्म और पालन-पोषण गुजरात के वडोदरा शहर में हुआ। उनके पिता का नाम ताजुद्दीन कुरैशी और मां हनिमा कुरैशी हैं। उनके दादा और पिता, दोनों भारतीय सेना में सेवा दे चुके हैं। यही वजह है कि सेना का अनुशासन और राष्ट्रसेवा का जज्बा सोफिया के खून में रहा।
सोफिया ने वडोदरा के महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी से बीएससी और फिर एमएससी (बायोकैमिस्ट्री) की पढ़ाई पूरी की।
उनका प्रारंभिक सपना प्रोफेसर बनने का था।
उन्होंने विश्वविद्यालय में असिस्टेंट लेक्चरर के रूप में पढ़ाना शुरू किया और साथ ही पीएचडी कर रही थीं।
सेना में जाने का फैसला
जब सोफिया को भारतीय सेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) के माध्यम से चयनित होने का मौका मिला, तो उन्होंने अपनी पीएचडी और अध्यापन करियर छोड़ दिया।वर्ष 1999 में वह सेना की सिग्नल कोर (Corps of Signals) में कमीशंड हुईं। उनके इस फैसले ने न केवल उनके परिवार बल्कि देशभर की युवतियों को प्रेरित किया।
सेना में सेवा और ऐतिहासिक उपलब्धियां
सोफिया कुरैशी को सेना में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाने का अवसर मिला।
वर्ष 2006 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक मिशन (UN Peacekeeping Operations) के तहत कांगो में छह वर्ष तक सेवा दी। वहां उन्होंने मल्टीनेशनल आर्मी के साथ मिलकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा से जुड़े कार्यों में अहम भूमिका निभाई।
2016 में वह Force 18 नामक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं। इस अभ्यास में 18 देशों ने भाग लिया जिनमें भारत, जापान, चीन, रूस, अमेरिका, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया आदि शामिल थे।
इस अभ्यास का आयोजन 2 से 8 मार्च 2016 के बीच पुणे में हुआ था और सोफिया उस अभ्यास में भारतीय टुकड़ी की कमांडर बनने वाली एकमात्र महिला थीं।
Operation sindoor:-
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में आतंकवादी ठिकानों पर की गई सैन्य कार्रवाई है । यह ऑपरेशन पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था, जिसमें भारतीय सेना ने 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया और उन्हें पूरी तरह से तबाह कर दिया ।
इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आतंकवादी संगठनों जैसे जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों को निशाना बनाया । भारतीय सेना ने कहा है कि इस ऑपरेशन के दौरान किसी भी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया और पाकिस्तान में किसी तरह की नागरिक क्षति की कोई खबर नहीं है ।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने कबूल किया है कि इस हमले में उनके 26 नागरिक मारे गए हैं । इस ऑपरेशन के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है और दोनों देशों के बीच सैन्य गतिविधियां बढ़ गई हैं ।
सोफिया कुरैशी जैसे दिलेर महिलाओ पर ही हमारे देश को गर्व महसूस होता है।

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