इंडिगो और तुर्की एयरलाइंस की साझेदारी समाप्ति: भारत की विदेश नीति में एक और निर्णायक कदम
इंडिगो और तुर्की एयरलाइंस की साझेदारी समाप्ति: भारत की विदेश नीति में एक और निर्णायक कदम
भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने तुर्की एयरलाइंस के साथ अपनी वेट लीज और कोडशेयर साझेदारी को समाप्त करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय भारत-तुर्की के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव और तुर्की द्वारा पाकिस्तान के समर्थन के चलते लिया गया है। इस कदम को भारत की विदेश नीति में एक और निर्णायक चोट के रूप में देखा जा रहा है।
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🇮🇳 भारत-तुर्की संबंधों में तनाव
हाल ही में, तुर्की ने भारत-पाकिस्तान के बीच एक विवाद में पाकिस्तान का समर्थन किया, जिससे भारत में नाराजगी बढ़ी। इसके परिणामस्वरूप, भारत सरकार ने तुर्की की कंपनियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए, जिनमें तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सेलेबी का लाइसेंस रद्द करना शामिल है। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश टूर एंड ट्रैवल्स एसोसिएशन (TTAA) ने तुर्की और अज़रबैजान के पर्यटन को बढ़ावा देने पर रोक लगा दी है।
🛫 इंडिगो-तुर्की एयरलाइंस साझेदारी का अंत
इंडिगो और तुर्की एयरलाइंस के बीच 2018 में कोडशेयर समझौता हुआ था, जिससे यात्रियों को इस्तांबुल के माध्यम से यूरोप और अमेरिका के 42 शहरों तक पहुंचने की सुविधा मिली थी। इसके तहत, तुर्की एयरलाइंस के बोइंग 777 विमानों को इंडिगो ने वेट लीज पर लिया था, जो दिल्ली और मुंबई से इस्तांबुल तक उड़ान भरते थे।
हालांकि, भारत सरकार के नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने इस समझौते को केवल 31 अगस्त 2025 तक के लिए अंतिम बार तीन महीने की अनुमति दी है। इंडिगो ने छह महीने की विस्तार की मांग की थी, लेकिन सरकार ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए केवल तीन महीने की अनुमति दी।
✈️ एयर इंडिया की भूमिका
इंडिगो और तुर्की एयरलाइंस की साझेदारी को एयर इंडिया ने भी चुनौती दी थी। एयर इंडिया ने सरकार से आग्रह किया कि यह समझौता भारतीय विमानन उद्योग के लिए व्यावसायिक और सुरक्षा संबंधी जोखिम पैदा करता है। एयर इंडिया का मानना है कि यह साझेदारी तुर्की को अनुचित लाभ देती है और भारतीय एयरलाइनों की वैश्विक बाजार हिस्सेदारी को नुकसान पहुंचाती है।
🌍 यात्रियों पर प्रभाव
इंडिगो और तुर्की एयरलाइंस की साझेदारी समाप्त होने से यात्रियों को यूरोप और अमेरिका के लिए वैकल्पिक मार्गों की तलाश करनी होगी। हालांकि, इंडिगो के पास कतर एयरवेज, अमेरिकन एयरलाइंस और एयर फ्रांस-केएलएम के साथ भी कोडशेयर समझौते हैं, जो यात्रियों को अन्य विकल्प प्रदान कर सकते हैं।
🔍 निष्कर्ष
इंडिगो और तुर्की एयरलाइंस की साझेदारी का अंत भारत की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो राष्ट्रीय हितों और सुरक्षा को प्राथमिकता देता है। यह निर्णय भारत की कूटनीतिक स्थिति को मजबूत करता है और यह संकेत देता है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों के खिलाफ किसी भी विदेशी समर्थन को स्वीकार नहीं करेगा।
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