“ क्रिकेट से IPL स्टार तक: सुथाश शर्मा की कहानी




 सुथाश शर्मा का जन्म 15 मई 2003 को भजनपुरा, उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुआ था।  वह दिल्ली के ही निवासी हैं और यहीं से उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की।  


सुथाश ने क्रिकेट की बुनियादी शिक्षा अपने बचपन के कोच सुरेश बत्रा से ली।  उन्होंने दिल्ली के मद्रास क्लब और डीडीसीए क्लब क्रिकेट प्रतियोगिताओं में भाग लिया, जहाँ उन्होंने अपने कौशल को निखारा और घरेलू क्रिकेट में पहचान बनाई।  


उनके निरंतर प्रदर्शन और मेहनत के चलते उन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने 2023 में IPL के लिए चुना, जहाँ उन्होंने अपने डेब्यू मैच में ही तीन विकेट लेकर सबका ध्यान आकर्षित किया।  इसके बाद, 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने उन्हें 2.6 करोड़ रुपये में अपनी टीम में शामिल किया।  


सुथाश शर्मा की यह यात्रा दिल्ली की गलियों से शुरू होकर IPL के मंच तक पहुँची है, जो उनके समर्पण और कठिन परिश्रम का परिणाम है। 






सुथाश शर्मा: युवाओं के लिए प्रेरणा बना 'माय ग्राउंड' चैंपियन


29 मई 2025 का दिन IPL इतिहास में खास बन गया जब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने पंजाब किंग्स को आठ विकेट से हराकर पहली बार IPL फाइनल में प्रवेश किया। इस ऐतिहासिक जीत में युवा लेग स्पिनर सुथाश शर्मा का प्रदर्शन सबसे शानदार रहा। उन्होंने केवल 17 रन देकर 3 अहम विकेट लिए और 'मैन ऑफ द मैच' का खिताब अपने नाम किया। यह प्रदर्शन न सिर्फ मैच का टर्निंग पॉइंट बना, बल्कि सुथाश को एक नई ऊँचाई पर भी ले गया।


सुथाश शर्मा ने अपने छोटे से करियर में यह साबित कर दिया है कि लगन, आत्मविश्वास और निरंतर अभ्यास से कोई भी खिलाड़ी बड़ी उपलब्धियाँ हासिल कर सकता है। क्वालिफायर 1 जैसे बड़े मुकाबले में उनकी निडर गेंदबाज़ी देखने लायक थी। उन्होंने मार्कस स्टोइनिस, शशांक सिंह और मुशीर खान जैसे बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया और पंजाब की बल्लेबाजी को तहस-नहस कर दिया।


इस मैच का एक खास पल तब आया जब शशांक सिंह का विकेट लेने के बाद सुथाश ने "माय ग्राउंड" सेलिब्रेशन किया। यह सेलिब्रेशन सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में घर कर गया। उनका यह अंदाज आत्मविश्वास और जुनून की प्रतीक बन गया। कई युवा खिलाड़ियों के लिए यह एक प्रेरणा है कि जब आप मैदान पर पूरी तैयारी के साथ उतरते हैं, तो वह मैदान आपका हो जाता है।


सुथाश शर्मा का यह प्रदर्शन सिर्फ एक मैच तक सीमित नहीं है। उन्होंने पूरे सीज़न में RCB के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी विविधतापूर्ण गेंदबाज़ी, नियंत्रण और साहस ने टीम को कई मौकों पर जीत दिलाई है। टीम कप्तान विराट कोहली ने भी उनके प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा, “सुथाश जैसे युवा खिलाड़ी टीम की असली ताकत हैं। उन्होंने बड़े मौके पर निडर होकर खेला और मैच पलट दिया।”




RCB के लिए यह जीत ऐतिहासिक रही क्योंकि टीम पहली बार IPL फाइनल में पहुँची है। विराट कोहली का सपना, जो वर्षों से अधूरा था, अब साकार होने के करीब है। सुथाश शर्मा जैसे युवा खिलाड़ियों ने यह साबित कर दिया है कि टीम में अनुभव के साथ-साथ ऊर्जा और नई सोच भी जरूरी है।


सुथाश शर्मा का यह सफर सिर्फ एक शुरुआत है। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि अगर उन्होंने इसी तरह प्रदर्शन जारी रखा, तो जल्द ही उन्हें भारतीय राष्ट्रीय टीम में भी जगह मिल सकती है। एक घरेलू खिलाड़ी से लेकर IPL स्टार तक का यह सफर हजारों युवाओं के लिए एक प्रेरक कहानी बन चुका है।


निष्कर्ष


सुथाश शर्मा का प्रदर्शन यह दर्शाता है कि क्रिकेट केवल अनुभव का खेल नहीं, बल्कि जुनून और आत्मविश्वास का भी खेल है। उनका “माय ग्राउंड” सेलिब्रेशन आने वाले समय में क्रिकेट का नया प्रतीक बन सकता है। वह न केवल RCB की जीत के नायक बने, बल्कि देश के युवाओं के लिए एक चमकता हुआ सितारा भी।





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