Turkey ke rashpati ka pakistan ka sath dena
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन का पाकिस्तान का साथ देना भारत के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। हाल ही में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में आतंकी हमले के बाद, तुर्की ने पाकिस्तान को हथियार सप्लाई किए, जिससे भारत में तुर्की के प्रति आक्रोश फैल गया ।
इस आक्रोश के कारण, भारतीयों ने तुर्की के बहिष्कार की मांग शुरू कर दी है, जिससे तुर्की के टूरिज्म और व्यापार पर असर पड़ रहा है। EaseMyTrip और Ixigo जैसे प्लेटफॉर्म ने तुर्की की बुकिंग बंद कर दी है, और कई लोगों ने वहां जाना छोड़ दिया है ।
इस स्थिति में, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन की स्थिति मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू जैसी हो सकती है, जिन्होंने भारत के खिलाफ जाकर अपनी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया था ।
भारत के लिए तुर्की-पाकिस्तान के रक्षा संबंधों का गहरा होना चिंता का विषय है, क्योंकि तुर्की पाकिस्तान को नौसैनिक जहाजों की आपूर्ति और संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहा है । तुर्की के इस कदम से भारत की सुरक्षा को खतरा हो सकता है, और इसलिए भारत को इस मुद्दे पर सख्ती से निपटना होगा ।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन को यह समझना होगा कि भारत के साथ उनके संबंधों को मजबूत बनाने के लिए, उन्हें पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को कम करना होगा । अगर तुर्की ऐसा नहीं करता है, तो भारत के साथ उसके संबंध और भी खराब हो सकते हैं ।
इस मुद्दे पर भारतीय सरकार को सख्ती से निपटना होगा और तुर्की को यह समझाना होगा कि भारत के साथ उनके संबंधों को मजबूत बनाने के लिए, उन्हें पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को कम करना होगा ।
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