"बाप — वो साया जो हर धूप में राहत बन जाए"
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"बाप — वो साया जो हर धूप में राहत बन जाए"
(Father’s Day पर ख़ास और शायरी भरा लेख)
ज़िंदगी की भागदौड़ में जब थककर बैठते हैं, तो एक शख़्स याद आता है — जो हर मोड़ पर हमें हिम्मत देता है, जो अपनी ख्वाहिशों को कुर्बान करके हमें मुस्कुराना सिखाता है। वो कोई और नहीं, हमारे अब्बू / पापा / पिता होते हैं।
Father’s Day साल का वो दिन है, जब हम उस अज़ीम हस्ती को ख़राज-ए-अकीदत पेश करते हैं, जिनका किरदार बग़ैर शोर के, बग़ैर शिकायत के — हर लम्हा हमारे लिए जीता है।
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बाप — मोहब्बत की ख़ामोश जुबान
आपने कभी हमें कह कर नहीं जताया कि आप हमसे मोहब्बत करते हैं,
लेकिन आपकी आँखों की फ़िक्र, आपकी पेशानी की शिकन और आपकी थकी हुई चुप्पी — सब कुछ कह देती थी।
आपने हमें कभी अपने गले से नहीं लगाया, लेकिन जब भी हमने गिरने की कोशिश की — आपके हाथों ने हमें थाम लिया।
बचपन में जब हम डरे हुए होते थे, तो आपकी आवाज़ एक ढाल बन जाती थी।
"बेटा, मैं हूँ न" — आपके सिर्फ़ ये चार लफ्ज़ पूरी दुनिया से बेहतर लगते थे।
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आपकी कुर्बानी — बिना आवाज़ के इनाम
आपने अपनी ख्वाहिशों को ताक पर रख दिया, ताकि हम अपने ख्वाब पूरे कर सकें।
आपने सर्द रातों में खुद ठिठुर कर हमें कंबल ओढ़ाया,
और गर्मियों में खुद पसीना बहाकर हमारे लिए ठंडी छांव जुटाई।
आपने अपने लिए कुछ नहीं माँगा, लेकिन हमारे लिए हमेशा सबसे बेहतर चाहा।
आपने नए जूते नहीं लिए, लेकिन हमारी स्कूल की फीस हर महीने वक़्त पर अदा की।
आपने अपने दर्द छुपा लिए, ताकि हमारे चेहरे पर मुस्कान बनी रहे।
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Father’s Day — सिर्फ़ एक दिन नहीं, एक एहसास है
आज का दिन सिर्फ़ आपको कार्ड देने या गिफ्ट खरीदने का नहीं है,
बल्कि आपसे खुलकर कहने का है —
"पापा/अब्बू, मैं आपसे बेहद मोहब्बत करता/करती हूँ। आपने मुझे जो ज़िंदगी दी है, उसका एहसान मैं कभी नहीं चुका सकता/सकती।"
आपका साया मेरे लिए रहमत है, आपकी दुआ मेरी कामयाबी की वजह है।
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आपकी उम्र ढल रही है, लेकिन आपका असर नहीं
अब जब आपके बाल सफ़ेद हो रहे हैं, चाल धीमी हो रही है — तो हमारा फ़र्ज़ है कि अब हम आपका सहारा बनें।
आपने हमारा बचपन संभाला, अब हम आपके बुढ़ापे को सुकून भरा बनाएँ।
आपको अब सिर्फ़ आराम नहीं, हमारा वक़्त, हमारी मोहब्बत और हमारी संगत चाहिए।
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अख़्तिताम — सिर्फ़ एक बात कहनी है
आप हमारी वो दीवार हैं, जिससे टकराकर हर मुश्किल टूट जाती है।
आप वो छांव हैं, जो हर धूप में सुकून देती है।
इस Father’s Day पर हम सिर्फ़ दुआ करते हैं:
> "या अल्लाह , मेरे पापा को सलामत रखना,
उनके साए को कभी मुझसे दूर न करना।
उनका साया रहे तो कोई भी तूफ़ान डर नहीं लगता।"
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