भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक संबंधों में नई शुरुआत: तनाव के बाद बहाली की राह
🇮🇳 भारत और 🇨🇦 कनाडा के रिश्तों में नया मोड़
2023 और 2024 के बीच भारत और कनाडा के संबंधों में जो खटास आई थी, उसने दोनों देशों के राजनीतिक, वाणिज्यिक और शैक्षणिक संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित किया। लेकिन अब, 2025 में G7 सम्मेलन के दौरान हुई उच्चस्तरीय बातचीत के बाद, इन संबंधों को फिर से पटरी पर लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कैरनी की वार्ता के बाद यह घोषणा की गई कि दोनों देश एक-दूसरे के हाई कमिश्नर को पुनः तैनात करेंगे और वीज़ा सेवाएं फिर से बहाल की जाएंगी।
🕊️ तनाव की पृष्ठभूमि
भारत और कनाडा के बीच विवाद तब गहरा गया जब कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संलिप्तता का आरोप लगाया। भारत ने इसे सिरे से खारिज कर दिया और जवाब में कनाडा के कई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया।
इस घटनाक्रम के बाद:
- वीज़ा सेवाएं बंद हो गईं।
- छात्र और व्यापारिक समुदाय परेशान हुआ।
- निवेश और दौरे प्रभावित हुए।
🤝 बहाली की प्रक्रिया कैसे शुरू हुई?
2025 के G7 सम्मेलन में, जहाँ भारत विशेष आमंत्रित देश के रूप में शामिल हुआ था, दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच अनौपचारिक बातचीत हुई। इस दौरान कई मुद्दों पर बात की गई, जिनमें शामिल थे:
- वैश्विक आतंकवाद और उग्रवाद
- छात्रों और अप्रवासी भारतीयों की स्थिति
- द्विपक्षीय व्यापार और निवेश
दोनों नेताओं ने माना कि आपसी विवादों को बातचीत से सुलझाना ही उचित रास्ता है।
🔄 अब तक हुए कदम
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हाई कमिश्नर की वापसी: दोनों देशों ने अपने-अपने राजनयिकों को फिर से तैनात करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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वीज़ा सेवाएं बहाल: कनाडा में भारतीय नागरिकों और विद्यार्थियों के लिए वीज़ा सेवाएं 20 जून 2025 से पुनः शुरू की जा रही हैं।
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संयुक्त वर्किंग ग्रुप: दोनों देशों ने एक विशेष समिति गठित की है जो आने वाले महीनों में मीडिया, व्यापार और काउंटर-टेररिज्म पर संयुक्त कार्य करेगी।
🎓 छात्रों और प्रवासियों के लिए राहत
इस तनाव का सबसे ज़्यादा असर उन लाखों भारतीय छात्रों और प्रवासी नागरिकों पर पड़ा जो कनाडा में अध्ययन या कार्यरत हैं।
- हजारों छात्रों को वीज़ा न मिलने के कारण उनकी पढ़ाई बाधित हुई।
- परिवारों के पुनर्मिलन में देरी हुई।
- कारोबार करने वाले प्रवासियों को दिक्कतें हुईं।
अब इन संबंधों की बहाली से छात्रों और परिवारों को सीधी राहत मिलेगी।
🌐 व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्व
भारत और कनाडा के बीच लगभग 100 बिलियन डॉलर का वार्षिक व्यापार होता है। इसमें खाद्य पदार्थ, ऊर्जा, तकनीक, फार्मा और शिक्षा सबसे बड़े क्षेत्र हैं।
संबंधों की बहाली से:
- निवेशकों का भरोसा लौटेगा
- नई ट्रेड डील्स पर बातचीत दोबारा शुरू होगी
- नौकरी और शिक्षा के अवसर फिर से खुलेंगे
🔮 भविष्य क्या कहता है?
यह बहाली आस्थायी नहीं, बल्कि स्थायी सुधार की दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है। दोनों सरकारें अब 'ट्रैक-2 डिप्लोमेसी', यानी नागरिक और निजी सेक्टर के स्तर पर भी जुड़ाव बढ़ाने की तैयारी में हैं।
संभावनाएं हैं कि:
- संयुक्त शिक्षा परियोजनाएँ शुरू होंगी
- भारतीय टेक स्टार्टअप कनाडा में विस्तार करेंगे
- टूरिज़्म और सांस्कृतिक आदान-प्रदान फिर से फलने-फूलने लगेगा
📌 निष्कर्ष
भारत और कनाडा के कूटनीतिक संबंधों की बहाली न केवल दोनों देशों के लिए लाभकारी है, बल्कि यह दुनिया को यह संदेश भी देती है कि संवाद और कूटनीति के ज़रिए किसी भी विवाद का समाधान संभव है। छात्रों, व्यापारियों और आम नागरिकों के लिए यह राहत की सांस है — और साथ ही, यह एक नई शुरुआत का संकेत भी।
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