Who Was Sunjay Kapur? Biography, Career, Family and Sudden Death"
संजय कपूर: एक बिज़नेस आइकन की असमय विदाई
भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति और ऑटोमोटिव जगत में बड़ा नाम कमाने वाले संजय कपूर का 12 जून 2025 को ब्रिटेन में पोलो खेलते समय हार्ट अटैक से निधन हो गया। वे 53 वर्ष के थे। उनका जीवन सिर्फ व्यवसाय की ऊँचाइयों तक सीमित नहीं था, बल्कि वह एक प्रतिष्ठित पारिवारिक नाम, एक पढ़े-लिखे विचारशील व्यक्ति, और समाज में जागरूकता फैलाने वाले जिम्मेदार नागरिक भी थे।
शुरुआत और पारिवारिक पृष्ठभूमि
संजय कपूर का जन्म 15 अक्टूबर 1971 को दिल्ली के एक प्रमुख कारोबारी परिवार में हुआ। उनके पिता सुरिंदर कपूर भी एक सफल व्यवसायी थे। संजय शुरू से ही प्रबंधन और नवाचार के क्षेत्र में रुचि रखते थे। उन्होंने University of Buckingham से BBA किया, फिर आगे की पढ़ाई MIT Sloan और Harvard Business School से की। उनकी पढ़ाई और अनुभव ने उन्हें एक दूरदर्शी कारोबारी नेता बना दिया।
बिज़नेस में बुलंदी: Sona Comstar
संजय कपूर ने अपने पिता की कंपनी Sona Group को न केवल संभाला, बल्कि उसे नए मुकाम तक पहुँचाया। वे Sona BLW Precision Forgings Ltd. (अब Sona Comstar) के चेयरमैन थे, जो आज भारत की अग्रणी ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में से एक है। यह कंपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और ग्रीन मोबिलिटी के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही है।
उनकी अगुवाई में Sona Comstar ने देश और विदेशों में तकनीकी नवाचार और पर्यावरण के प्रति जागरूक उत्पादों की दिशा में कई पहल कीं। उन्होंने भारत के ऑटोमोटिव क्षेत्र को वैश्विक मानचित्र पर मजबूती से रखा।
उद्योग जगत में नेतृत्व
संजय कपूर न सिर्फ एक कंपनी के चेयरमैन थे, बल्कि वे Automotive Component Manufacturers Association (ACMA) और Confederation of Indian Industry (CII) के उत्तर क्षेत्रीय चेयरमैन जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे। उनके नेतृत्व में कई उद्यमों को गाइडेंस मिला और MSMEs को ग्रोथ के रास्ते मिले।
व्यक्तिगत जीवन: बॉलीवुड से रिश्ता
संजय कपूर का निजी जीवन भी हमेशा सुर्खियों में रहा। उन्होंने साल 2003 में बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर से शादी की थी। दोनों के दो बच्चे हैं: समायरा और किआन। हालांकि, उनका वैवाहिक जीवन ज्यादा लंबा नहीं चला और 2016 में दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद संजय ने 2017 में प्रिया सचदेव से दूसरी शादी की, जिनसे उन्हें एक और बेटा हुआ।
स्पोर्ट्स प्रेम और अंतिम दिन
संजय कपूर एक पोलो प्रेमी थे और वे कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके थे। उन्हें पोलो से भावनात्मक लगाव था और उनका आखिरी दिन भी इसी खेल को समर्पित रहा। 12 जून 2025 को वे ब्रिटेन में एक पोलो मैच के दौरान मैदान में ही गश खाकर गिर पड़े और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
दिलचस्प बात ये रही कि उसी दिन Air India की फ्लाइट AI‑171 का भी भयानक हादसा हुआ था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का निधन हुआ। संजय कपूर ने उस हादसे पर कुछ घंटे पहले ही सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया था। कुछ घंटों बाद, खुद उनका निधन हो जाना, लोगों को भीतर तक झकझोर गया।
संजय कपूर की विरासत
संजय कपूर उन बिरले उद्यमियों में से थे जो व्यापारिक सफलता को केवल मुनाफे से नहीं, बल्कि समाज के प्रति जिम्मेदारी से मापते थे। उन्होंने टेक्नोलॉजी, पर्यावरण, और मानव संसाधन विकास में जो योगदान दिया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा।
उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक व्यक्ति पारिवारिक विरासत को न केवल संभाल सकता है, बल्कि उसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है। वे अपने पीछे एक मजबूत व्यवसायिक साम्राज्य, एक सुंदर पारिवारिक जीवन और सामाजिक सोच से परिपूर्ण यादें छोड़ गए हैं।
निष्कर्ष
संजय कपूर का जीवन सफलताओं, संघर्षों और संतुलन का प्रतीक था। उन्होंने न केवल एक कारोबारी के रूप में दुनिया को कुछ दिया, बल्कि एक बेटे, पिता, पति और समाजसेवी के रूप में भी मिसाल कायम की। उनकी असमय मृत्यु ने देश को एक होनहार और संवेदनशील उद्यमी से वंचित कर दिया।
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